Sunday, July 20, 2025
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साइबर ठगों पर STF का वार: 10000 से ज्यादा फर्जी सिम एक्टिवेट करने वाले गैंग का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। वोडाफोन-आइडिया कंपनी के अधिकारियों से सांठगांठ कर साइबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड मुहैया कराने वाले संगठित गिरोह के दो फरार और इनामी आरोपियों को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये गिरोह अब तक करीब 10000 से अधिक फर्जी सिम कार्ड अनाधिकृत तरीके से एक्टिवेट कर साइबर अपराधियों तक पहुंचा चुका था।

एसटीएफ के हत्थेचढे आरोपियों की पहचान प्रतापगढ़ निवासी संदीप पांडेय और प्रयागराज निवासी नौफील के रूप में हुई है। 35 वर्षीय संदीप पांडेय पर 25 हजार रुपये का इनामी आरोपी है। इनके पास से 239 अनएक्टिवेटेड ब्लैक सिम कार्ड, 36 फर्जी आधार कार्ड, 3 बायोमैट्रिक स्कैनर, 4 मोबाइल फोन, 6620 नगद और कई अन्य फर्जी दस्तावेज (पैन कार्ड, एटीएम, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी) बरामद हुए हैं।

गिरोह का तरीका
एसटीएफ के मुताबिक, गिरोह वोडाफोन-आइडिया कंपनी में टीएसई (टेरीटरी सेल्स एग्जीक्यूटिव) और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से ग्राहक के नाम पर दो सिम एक्टिवेट करता था। एक सिम ग्राहक को दी जाती थी, जबकि दूसरा सिम जिससे पीओएस (POS) एजेंट की आईडी रजिस्टर्ड होती थी, गिरोह अपने पास रख लेता था। इस फर्जी पीओएस आईडी से सैकड़ों सिम कार्ड डिजिटल केवाईसी के जरिए एक्टिवेट कर साइबर अपराधियों को ऊंचे दामों पर बेच दिए जाते थे।

वहीं गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे ये सिम कार्ड 200 से 250 रुपये प्रति पीस की दर से बेचते थे। इन सिम का इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट स्कैम, स्टॉक मार्केट फ्रॉड और पार्सल स्कैम जैसी साइबर ठगी में किया जाता था। बता दें, इस गिरोह के खिलाफ पहले भी कार्रवाई हो चुकी है।

15 मई को चित्रकूट जिले के राजापुर से इस गिरोह के सरगना समेत 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। उसी दौरान संदीप पाण्डेय का नाम सामने आया था, जिस पर 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

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